September 23, 2010

कहानी

एक कहानी ,
खाली पन्ने , चंद शब्द,
बिखरी स्याही और सूनी कलम |

पुरानी  यादें झाँक रही हैं ,
अकेली खिड़की से ,
असंख्य विचारों की श्रंखला,
प्रतीक्षा में खड़ी है |

क्या लिखूं ,
विस्तृत दृष्टिकोण के असमंजस ,
गंभीर,चंचल ,बचपन ,सुन्दरता और भय |
सुखद स्मृतियाँ या दुखी सा दर्पण |
अनछुई भावनाओं की पेटी
खोलूं या नहीं |

लिखूं की एकांत में भी रस है ,
अकेली सड़क हूँ , साथ चलती हूँ |
की रात सुन्दर है ,समेटती है मुझे अपने विहान में |
की संगीत की लय में मन की जिज्ञासा है,
धीमी ,मद्धिम , मौन |

बारिश की बूँद को चेहरे की आस या ,
घडी के रिक्त स्थान को क्षणिक मिलन की |

उनके बारे में लिखूं ,
जो अपरिचित सुख के मित्र और गहन विचार के साथी हैं |
कुछ दिन की मुस्कान , रौशनी भरे स्वप्न देकर
धूमिल हो गए जो ,
या जीवन की परतों को
हल्क़े हल्क़े स्पर्श से सरल करते हैं , आज भी |

एक कहानी , अर्थ और परिभाषाएं|
विकल्पों की उलझन, खाली पन्ना ,
और चंद शब्द | 

3 comments:

  1. Itz beyond words... Biigg ug!

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  2. no one could have explained it better...genius!

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  3. beautifull... i love the second last para... unke baare me.... beautiful surabhi!! :)

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