यह प्रेम पत्र है,
_____ के लिए , वह मुझे जहाँ भी मिले |
" मेरी मृगतृष्णा सी ,
पानी में घुले कांच से बनी ,
मेरे स्वयं के उत्साह की परछाई |
तुम जिस दिन मिलोगी ,
कुछ दूर खड़ी,
सड़क के उस पार |
बालों में हाथ उलझाए ,
मुस्कुराओगी , राधिका सी मुस्कराहट|
भीड़ के शोर में तब संगीत होगा ,
मद्धिम पर स्पष्ट ,
उठता सा |
मैं समीप जाकर तुम्हारा हाथ थामूँगा |
मेरी आतुरता पर हँसोगी,
राधिका सी हंसी |
घास पर बैठे हुए ,
तुम पत्तों से खेलना ,
मैं विस्मृति में निहारूंगा |
अपने भगवान् को धन्यवाद दूंगा ,
मैं भाग्यशाली हूँ |
हम हमेशा साथ रहेंगे |
तुम्हारा,
__________ "
sweet!! :)
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